
वर्षो से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच की मांग हो रही है। बैंच का मुद्दा इधर प्रमुख मुद्दा रहा है। वादकारियों को हाईकोर्ट जाने के लिए लगभग छह सौ किलो मीटर से भी अधिक की दूरी तय करनी पड़ती है।
लेकिन सपा- रालोद गठबंधन इस मामले में असमंजस में है। रालोद की यह पुरानी मांग रही है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की बेंच बने, लेकिन गठबंधन धर्म के चलते शायद पार्टी मुखिया जयंत चौधरी भी चुप्पी साधना ही बेहतर समझते हैं। शनिवार को जब गाजियाबाद में अखिलेश यादव व् जयंत चौधरी की साझा प्रेस कांफ्रेंस हुई तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बैंच का मामला उठने पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि सड़कें एवं हाइवे इतने बेहतर बनायेंगे कि प्रयागराज की दूरी कम लगेगी। इस मौके पर जयंत चौधरी बिलकुल चुप्पी साधे बैठे रहे।
अब लगता है कि यह मुद्दा गौण हो रहा है। हालांकि जयंत की चुप्पी जनता एवम अधिवक्ताओं को खल रही है। ऐसा लगता है कि जयंत गठबंधन धर्म की मजबूरी में चुप्पी साध रहे हैं।
दंगों को लेकर भी सवाल का जवाब अखिलेश यादव ने ही दिया। उन्होंने कहा कि हम विश्वास दिलाते हैं इस बार दंगे नहीं होंगे। यह जवाब ही समझने के लिए काफी है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बैंच हाईकोर्ट बैंच को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता सपा _रालोद गठबंधन से कोई उम्मीद ना ही रखें।