
इस बार रक्षाबंधन पर सावन पूर्णिमा तिथि दो दिन होने और भद्रादोष के कारण राखी बांधने को लेकर पंचांग भेद है। कुछ पंडित और ज्योतिषाचार्य रक्षाबंधन 11 अगस्त को मनाने की सलाह दे रहे हैं तो वहीं कुछ विद्वान भद्रा की समाप्ति के बाद यानी 12 अगस्त को राखी बांधने को शुभ बता रहे हैं। कुछ विद्वान 11 अगस्त को पड़ने वाली भद्रा को अशुभ मान रहे हैं। उनका मानना है उस दिन पड़ने वाली पाताल की भद्रा का कोई शास्त्र सम्मत उल्लेख नहीं है, तो आइए शास्त्र सम्मत समझें भद्रा को ताकि कोई संशय ना हो…

धर्मसिंधु में स्पष्ट उल्लेख है ..
जीभद्रायां द्वे न कर्तव्यम् श्रावणी फाल्गुनी वा। श्रावणी नृपतिं हन्ति,ग्रामों दहति फाल्गुनी
अर्थात भद्रा काल में श्रावणी अर्थात रक्षाबंधन और फाल्गुनी अर्थात होली, ये दो त्योहार नहीं मनाने चाहिए। भद्राकाल में रक्षाबंधन मनेगा तो राजा के लिए कष्टकारी है और होली दहन के समय भद्रा रहेगी तो प्रजा और ग्रामवासी आदि के लिए हानिकारक है। संस्कृत ग्रंथ पीयूष धारा में कहा गया है कि स्वर्गे भद्रा शुभं कुर्यात पाताले च धनागम। मृत्युलोक स्थिता भद्रा सर्व कार्य विनाशनी।। मुहूर्त मार्तण्ड में भी कहा गया है… स्थिताभूर्लोख़्या भद्रा सदात्याज्या स्वर्गपातालगा शुभा अतः यह स्पष्ट है कि मेष,वृष,मिथुन,कन्या,तुला,वृश्चिक,धनु या मकर राशि के चन्द्रमा में भद्रा पड़ रही है तो वह शुभ फल प्रदान करने वाली होती है।
🌹श्रावणी उपाकर्म व रक्षाबन्धन का निर्णय :-🌹 रक्षाबंधन श्रावणी का ही अंग है अतः रक्षाबंधन 12 अगस्त को ही मनाया जाएगा प्रातः 7.16 तक है।भद्रा काल में रक्षाबंधन नहीं मनाया जाता है कुछ लोगों का मत है की भद्रा मकर राशि में होने के कारण पाताल लोक में निवास करेगी इसलिए भद्रा के समय रक्षा बांधना उचित होगा पर यह निर्णय अनुचित है क्योंकि यही निर्णय_सिंधु का मत है। इस लिए रक्षाबंधन भी श्रावणी का ही अंग है 11 अगस्त को पूर्णिमा प्रातः 9.35 से आरंभ होकर अगले दिन रक्षाबंधन_12_अगस्त को प्रातः 7 बजकर 16 तक है और भद्रा 11 अगस्त को प्रातः 9.35 से रात्रि 08.25 तक है इस समय को त्याग कर रक्षाबंधन मनाया जायेगा जो कि 12 को ही श्रावणी भी मनाया जाना श्रेष्ठ होगा। 12 तारीख को प्रातः 7:16 बजे तक जो पूर्णिमा है उस दिन भाद्रपद कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि क्षय हो रही है इसलिए पूरे दिन की मान्यता है। हर्षोल्लास के साथ 12 अगस्त को पूरे दिन रक्षाबंधन मनाया जाना श्रेष्ठ होगा 🙏🏻जय श्री महाकाल🙏🏻